The Power of Ketu in the First House - Lal Kitab 1941 EP97 with Astrologer Vijay Goel

Learn about the significance of Ketu in the first house in Lal Kitab 1941 with Astrologer Vijay Goel. Discover its impact on social, financial, and personal aspects of life.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा सतयानवेवां वीडियो है। इसमे मैंने “केतु खाना नंबर 1” (जब कुंडली के पहले घर मे केतु स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
पहला घर पूर्व दिशा का कारक है। पहले घर को लग्न भाव अथवा लग्न भी कहा जाता है। कुंडली का पहला घर हमें पिछले जन्मों में संचित किए गए अच्छे-बुरे कर्मों तथा वर्तमान जीवन में इन कर्मों के कारण मिलने वाले फलों के बारे में भी बताता है। यह घर व्यक्ति की सामाजिक प्राप्तियों तथा उसके व्यवसाय तथा जीवन में उसके अपने प्रयासों से मिलने वाली सफलताओं के बारे में भी बताता है। पहले घर से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, सुखों के भोग, बौद्धिक स्तर, मानसिक विकास, स्वभाव की कोमलता अथवा कठोरता तथा अन्य बहुत सारे विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है।
यहां स्थित केतू को अधिकांश मामलों में शुभफल देने वाला नहीं कहा गया है। फिर भी कुछ शुभफल तो मिलते ही हैं। जिसके कारण आप परिश्रम पर विश्वास करने वाले परिश्रमी व्यक्ति हैं। अपने परिश्रम के दम पर आप धनवान बन सकते हैं। भाई बंधुओं का सहयोग मिलने के कारन आप सुखी रहेंगे। लेकिन अशुभता के कारण आप मन से चंचल और डरपोक हो सकते हैं। थोडी से भी कठिनाई मिलते ही आप पलायन करने का मन बना लेते हैं।
आप भय से व्याकुल और चिंतातुर हो जाते हैं। केतू मन में घबराहट भी पैदा करता है। आपमें चित्त भ्रम और मानसिक चिंता की अधिकता रह सकती है। आप की संगति खराब व्यक्तियों से हो सकती है। आप झूठ बोलने पर ज्यादा यकीन कर सकते हैं। विद्या में आपकी रुचि कम हो सकती है अथवा शिक्षा में कुछ व्यवधान आ सकता है। हांलाकि जानबूझ कर पढाई में की गई लापरवाही को लेकर आप आगे चलकर पश्चाताप करेंगे।
आपके भाई-बंधु आपको कष्ट देंगे और आप उन्हें बर्
4 years ago
commentvideo Comment
commentvideo Comment Response Powered by DKSCORE AI