The Significance of Moon in Eleventh House - Lal Kitab 1941 with Astro Vijay Goel

Explore the significance of Moon in Eleventh House (चंद्रमा खाना नंबर 11) in Lal Kitab 1941. Discover its impact on relationships, finances, and more with Astro Vijay Goel.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा पैंतीसवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “चंद्रमा खाना नंबर 11” (जब कुंडली के ग्यारहवें घर मे चंद्रमा स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव को लाभ स्थान या आय भाव के रूप में जाना जाता है। यहाँ से जातक के बड़े भाई बहन, माता के ससुराल, संतान के दाम्पत्य जीवन व् दैनिक आय - पार्टनरशिप, जातक के ससुराल से या गुप्त रास्ते से धन प्राप्ति, पिता के छोटे भाई बहन, राज्य या सत्ता पक्ष से लाभ सम्मान प्रतिष्ठा, या मकान भूमि वाहन की खरीद फरोख्त से लाभ का विचार किया जाता है। इस भाव में जो भी गृह आएगा वह आपको लाभ अवश्य देगा। इसलिए इस भाव को लाभ स्थान कहा जाता है। किसी भी कार्य की सिद्धि या इच्छा पूर्ती की गणना के लिए इस भाव का विचार किया जाता है। शरीर के अंगों में जातक के बाएं कान और घुटने से लेकर पैर के पिछले हिस्से तक की जानकारी भी इस भाव से प्राप्त की जा सकती है । साथ ही जातक की संगत या मित्रता इस भाव से देखी जाती है ।
ग्यारहवां घर बृहस्पति और शनि से पूरी तरह प्रभावित होता है। इस घर में स्थित हर ग्रह अपने शत्रु ग्रहों और उनके साथ जुडी बातों को नष्ट कर देता है। इस प्रकार ग्यारहवें घर में स्थित चंद्रमा (Moon in Eleventh House) अपने शत्रु केतू की चीजों को नष्ट कर देता है जैसे जातक के बेटे आदि को। एकादश भाव में चन्द्रमा का फल शुभ माना गया है। यह स्थान लाभ स्थान है अतः लाभ स्थान में चन्द्रमा का होना जातक को अवश्य ही शुभता प्रदान करेगा यदि चन्द्रमा अशुभ ग्रहो के योग में न हो तब। कुंडली में चन्द्रमा एकादश भाव में स्थित है तो वह व्यक्ति स्वभावतः चंचल होता है। वह हमेशा कुछ न कुछ सोचते रहता है। ऐसा व्यक्ति योजना बहुत बनाता है यही नहीं प्रत्येक योजना का समबन्ध ल
4 years ago
Comment
Comment Response Powered by DKSCORE AI