Impact of Moon in Twelfth House in Lal Kitab 1941 - Astro Vijay Goel
Discover the impact of Moon in Twelfth House in Lal Kitab 1941. Learn about the positive and negative effects on finances, health, and lifestyle.
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा पैंतीसवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “चंद्रमा खाना नंबर 12” (जब कुंडली के बारहवें घर मे चंद्रमा स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
बारहवें घर पर शुभ या अशुभ ग्रहों के प्रभाव को देखकर यह भी पता चल सकता है कि जातक का धन आम तौर पर किस प्रकार के कार्यों में खर्च होगा। उदाहरण के लिए जातक के बारहवें घर पर किसी शुभ ग्रह का प्रभाव होने पर जातक का धन आम तौर पर अच्छे कामों में ही खर्च होगा जबकि जातक के बारहवें घर पर किसी अशुभ ग्रह का प्रभाव होने पर जातक का धन आम तौर पर व्यर्थ के कामों में ही खर्च होता रहता है। जातक के बारहवें घर पर शुभ गुरू का प्रबल प्रभाव जातक को धार्मिक कार्यों में धन लगाने के लिए प्रेरित करता है जबकि जातक के बारहवें घर पर अशुभ राहु अथवा शनि का प्रबल प्रभाव जातक को जुआ खेलने, अत्याधिक शराब पीने तथा ऐसी ही अन्य बुरी लतों पर धन खराब करने के लिए प्रेरित करता है।
बारहवें भाव में चन्द्रमा (Moon in Twelfth House) शुभ कम अशुभ फल ज्यादा देता है। बारहवां भाव व्यय तथा मोक्ष भाव होने से इस स्थान का चंद्रमा व्यय अथवा हानि का सूचक है। जिस व्यक्ति के जन्मलग्न से बारहवें भाव में चन्द्रमा हो तो यह कृश और दुर्बल शरीर होता है। यह रोगी क्रोधी और गरीब होता है। चन्द्रमा यहां अपने घर का हो या गुरु अथवा बुध की राशि में हो तो मनुष्य इन्द्रियजय, दान देने वाला स्मार्ट शरीर वाला और सभी प्रकार के सुख भोगने वाला होता है। यदि चन्द्रमा अशुभ अवस्था में हो तो नीच प्रवृत्ति वाले मनुष्यों के साथ रहने वाला होता है। अर्थात इस स्थान पर चन्द्रमा होने से धन का नाश होता है। इसे मंदाग्नि रहती है और भूख कम लगती है। घर में लड़ाई-झगड़ा होते रहता है। ऐसे जातक के आँखों में विकार होता है। आपक
4 years ago
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