The Impact of Mars in Fourth House - Lal Kitab 1941 - EP52 - Astrologer Vijay Goel
Learn about the impact of Mars in the Fourth House as per Lal Kitab (लाल किताब) 1941 in this insightful video by Astrologer Vijay Goel. Understand how this placement influences relationships, family dynamics, and overall well-being. Gain insights into the effects of Mangal Dosha in married life and potential challenges.
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा बावनवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “मंगल खाना नंबर 4 (जब कुंडली के चौथे घर मे मंगल स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
चौथे भाव का मालिक चन्द्रमा है, जो इस घर में उच्च फ़ल का भी है, यानी चन्द्रमा या गुरु किसी का भी चौथे भाव में होना शुभ फ़ल ही देता है,चौथे घर में हम अपने पिता की ओर से क्या प्राप्त करेंगे,या पिता की स्थिति कैसी होगी हमे इस बात का संकेत मिलता है। इसके अलावा पिता के साथ हमारा संबन्ध कैसा होगा यह भी चौथे भाव से देखा जाता है। कुन्डली का चौथा भाव घर में पानी रखने का स्थान है,यह नल कुंआ आदि का भी कारक है,शारीरिक तौर पर हमारे शरीर में आयुर्वेदिक सिद्धान्तों के अनुसार सर्दी गर्मी या हमारे मन की शांति का चौथे घर से विशेष सम्बन्ध है,यहां पर अशुभ ग्रह होने से मन की शांति पर बुरा असर पडता है,कई बार सब कुछ होते हुये भी व्यक्ति के मन की खुशी में विघ्न ही रहते हैं,यानी वह समस्या न होते हुये भी मुरझाये फ़ूल की तरह रहता है,तथा उसके जीवन में जद्दोजहद के हौसले में भी काफ़ी कमी आ जाती है।
चौथे घर का सम्बन्ध हमारी उम्र के दूसरे हिस्से से यानी पच्चीस साल की आयु से लेकर पचास साल की आयु तक,इसी हिस्से में हमारे गृहस्थ जीवन और जवानी के समय में हम कहां तक लाभ प्राप्त कर सकते है उसके बारे में भी इस घर से पूरी तरह जाना जा सकता है,यह घर हमारी किस्मत भाग्य से भी संबन्ध रखता है,लेकिन किस्मत के उस हिस्से से जो पूर्वजन्म से हम अपने साथ लाये हैं,यानी किस्मत किस हद तक हमारा साथ देगी इसक संबन्ध भी चौथे घर से है।
चतुर्थ भाव में मंगल होने से मंगल दोष होता है मांगलिक दोष के कारण दाम्पत्य जीवन में परेशानी आती है। आप वाहन सुख का आनंद तो लेंगे परन्तु दुर्घटना के शिकार भी हो सकते
4 years ago