Unlocking the Secrets of Venus in the Sixth House - Lal Kitab 1941 EP42 Astrology Video by Vijay Goel

Unlock the secrets of Venus in the Sixth House with Lal Kitab 1941 in this video by Astrologer Vijay Goel. Understand the impact on health, enemies, debts, and more.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा बयालीसवा वीडियो है। इसमे मैंने “शुक्र खाना नंबर 6” (जब कुंडली के छ्ठे घर मे शुक्र स्थित हो के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
छठा भाव एक अशुभ स्थान माना जाता है| तीन सर्वाधिक अशुभ स्थानों, अर्थात षष्ठ, अष्टम व द्वादश स्थान में षष्ठ भाव द्वितीय स्तर पर आता है| अष्टम स्थान सर्वाधिक अशुभ है, इसके पश्चात षष्ठ तथा अंत में द्वादश स्थान अशुभ होता है| इसलिए छठे भाव को दुष्ट स्थान अर्थात अशुभ स्थान कहते हैं| जिन रोगों से जातक अपने जीवन में पीड़ित होगा उनका फलादेश षष्ठ भाव से किया जा सकता है| रोगसूचक होने से छठे भाव को रोग भाव या रोग स्थान भी कहा जाता है| इस भाव से ऋण का विचार भी किया जाता है| वे ऋण जिनसे मनुष्य अपने जीवनकाल में ग्रस्त हो सकता है, छठे भाव से ज्ञात हो सकते हैं| अतः इसे ऋण भाव कहा जाता है| षष्ठ स्थान व्यक्ति के संभावित शत्रुओं का भी सूचक है, इसलिए इसे शत्रु स्थान भी कहते हैं| शत्रु या रोग हमें हानि पहुंचाते हैं| इस दृष्टि से यह भाव अपनों का का प्रतिनिधित्व न करके परायों का प्रतिनिधित्व करता है|
जातक की कुंडली के छठे भाव में बैठा शुक्र जातक को विपरित लिंग की ओर आकर्षित करता है। लग्न का छठा भाव बुध और केतू का माना गया है जो एक दूसरे के शत्रु हैं, लेकिन शुक्र दोनों का मित्र है। इस घर में शुक्र नीच होता है। लेकिन यदि जातक विपरीत लिंगी को प्रसन्न रखता है और सारे और सुविधा उपलब्ध करवाता है तो उसके धन और पैसे में बृद्धि होगी। जातक की पत्नी को पुरुषों के जैसे कपडे नहीं पहनने चाहिए और न ही पुरुषों के जैसे बाल रखने चाहिए अन्यथा गरीबी बढती है। ऐसे जातक को उसी से विवाह करना चाहिए जिस स्त्री के भाई हों। ऐसा जातक अपने काम को बिच में अधूरा नहीं छोड़ता है। ये विव
5 years ago
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