Impact of Moon in Seventh House - Lal Kitab (लाल किताब) 1941 EP31 - Astro Vijay Goel

Watch EP31 of Lal Kitab (लाल किताब) 1941 series on Moon in Seventh House. Understand the impact of Moon in the 7th house in birth chart for marriage, partnerships, and hidden talents. Learn how it influences financial gains, overseas travel desires, and poetic or astrological abilities.

लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा इकतीसवाँ वीडियो है। इसमे मैंने “चंद्रमा खाना नंबर 7” (जब कुंडली के सातवें घर मे चंद्रमा स्थित हो) के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
जन्म कुन्डली का सातंवा भाव (7th house) विवाह पत्नी ससुराल प्रेम भागीदारी और गुप्त व्यापार के लिये माना जाता है। जन्म कुंडली में सप्तम भाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी तथा पार्टनर के विषय का बोध कराता है। यह नैतिक, अनैतिक रिश्ते को भी दर्शाता है। कुंडली में सप्तम भाव से जीवनसाथी, मूत्रांग, वैवाहिक ख़ुशियाँ, यौन संबंधी रोग, व्यापार, सट्टा, कूटनीति, सम्मान, यात्राएँ, व्यापारिक रणनीति एवं व्यक्ति की गुप्त ऊर्जा को देखा जाता है। कुंडली में सातवें घर के बलवान होने से तथा एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों के प्रभाव में होने से कुंडली धारक का वैवाहिक जीवन आम तौर पर अच्छा या बहुत अच्छा होता है तथा उसे अपने पति या पत्नी की ओर से अपने जीवन में बहुत सहयोग, समर्थन तथा खुशी प्राप्त होती है जबकि कुंडली में सातवें घर के बलहीन होने से अथवा एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों के प्रभाव में होने से कुंडली धारक के वैवाहिक जीवन में तरह-तरह की परेशानियां आ सकती हैं।
जब चंद्रमा सातवें भाव (Moon in Seventh House) में स्थित होता है तो परिणाम शुक्र, बुध और चंद्रमा से प्रभावित होता है। शैक्षिक उपलब्धियां पैसा या धन कमाने के लिए उपयोगी साबित होंगी। जातक के पास जमीन जायदाद हो या न हो लेकिन उसके पास नकद निश्चित रूप से हमेशा रहेगा। उसके पास कवि या ज्योतिषी बनने की अच्छी योग्यता होगी। चंद्रमा सातवें स्थान में होने से जातक सभ्य व्यक्तियों की श्रेणी में गिने जाएगा। यदि जातक विदेश गमन की इच्छा रखता हैं तो थोडे से प्रयास से ही जातक का मनोरथ पूरा हो सकता है। जातक को अ
5 years ago
commentvideo Comment
commentvideo Comment Response Powered by DKSCORE AI