Impact of Venus in Seventh House as per Lal Kitab (1941) - EP43 Astrologer Vijay Goel
Learn about the impact of Venus in the Seventh House as per Lal Kitab (1941) in this insightful video by Astrologer Vijay Goel. Discover how this placement affects your married life, relationships, income, and more. Suitable for Lal Kitab, Bhrigu Nandi Nadi, and Vedic astrologers.
लाल किताब 1941 की विवेचन शृंखला का ये मेरा तीयालीसवा वीडियो है। इसमे मैंने “शुक्र खाना नंबर 7” (जब कुंडली के सातवें घर मे शुक्र स्थित हो के बारे मे विश्लेषण करने का प्रयास किया है।
कुंडली का 7 भाव इस भाव को केंद्र भाव कहते है इस भाव का कारक ग्रह शुक्र होता है। पर अगर किसी लड़की की कुंडली है तो इस भाव का कारक गुरु हो जाता है क्योकि गुरु पति का कारक होता है और अगर किसी लड़के की कुंडली है तो इस भाव का कारक शुक्र हो जाता है क्योकि शुक्र पत्नी का कारक होता है।
कुंडली का यह भाव आपके शादी शुदा जीवन के बारे में बताता है। आपको पति या पत्नी कैसी मिलेगी
आपके शादी शुदा जीवन मे कितनी खुशहाली रहेगी। आपके प्रेम संबंध कितने अच्छे रहेंगे दोनों में किस हद तक प्यार रहेगा।
यह भाव पार्टनरशिप का भी होता है और आमदनी डेली सौर्स ऑफ इनकम आपकी कैसी रहेगी क्योकि यह भाव 10 भाव से 10 होता है तो आमदनी यही से देखी जाती है।
यह घर शुक्र का ही होता है अत: यहां स्थित शुक्र बहुत अच्छे परिणाम देता है। अगर यह इस घर में रखा गया है। पहले भाव में स्थित ग्रह सातवें भाव पर इस प्रकार प्रभाव डालता है मानो वह सातवें भाव में स्थित हो। यदि पहले भाव में स्थित ग्रह शुक्र का शत्रु ग्रह जैसे राहू हो तो जातक की पत्नी और घरेलू मामले बुरी तरह से प्रभावित होंगे। जातक बडे पैमाने पर अपने पैसे महिलाओं पर खर्च करता है। विवाह से संबंधित व्यापार-व्यवसाय जैसे टेन्ट हाउस और ब्यूटी पार्लर आदि का काम जातक के लिए फायदेमंद रहेगा। एक आँख और काली औरत के साथ एसोसिएशन उपयोगी साबित होगा। काने व्यक्ति या काली औरत की संगति फायदेमंद रहेगी।
ये विवेचना लाल किताब ज्योतिषियों के अलावा, भृगु नंदी नाड़ी ज्योतिषियों और वैदिक (पाराशर) ज्योतिषियों के लिए भी उपयोगी हो सकती है। वीडि
5 years ago